Monday 17 August 2015

1st Meeting with Me..

Meeting with Me...

                     ऑटो से उतरा  … और एक तार वाले कंपाउंड वॉल को क्रॉस करते हुए ,एक बढ़े से हॉल में प्रवेश किया।  हॉल में  प्रवेश करने के पहले, पीछे पलटकर अपनी वाइफ और उनके माता पिता को देखा ,जो मुझे उस जगह पर छोड़ने आये थे। माता-पिता दोनों एक सपोर्ट के भाव से मुझे विदा कर रहे थे और मेरी वाइफ के चेहरे पर पे कुछ ख़ुशी और कुछ confusions की रेखाये थी। और जब मैंने उन्हें अलविदा कहने के लिए अपना हाथ हिलाया तो मेरे भी मन में उलझन थी की मेरा परिवार, मेरे बिना १० दिन कैसे बिताएगा ????



हा दोस्तों मै विपस्सना मेडिटेशन शिबिर (कैंप) जा रहा था और इसी  कारन से मेरे परिवार वाले मुझे सेंटर तक छोड़ने आये थे।  यह एक  मोटिवेशन रहता है। मोटिवेशन उन लोगो के लिए जो विपस्सना पहली बार कर रहे है।  आप सोच रहे होगे भाई मोटिवेशन की  ऐसी क्या जरुरत पड़ती होगी। जरा सोचिये आप १० दिन आर्य मौन (आर्य मौन माने आप किसी से कुछ बात नहीं कर सकते,इशारो से भी नहीं) का पालन करेंगे और आपके पास न आपका सबसे चहेता, आपका पहला हाथ …हा जी आपका स्मार्ट फ़ोन होगा न आपका दूसरा अति प्रिय हाथ ,आपका लैपटॉप या आपका T.V.  होगा। और आप यह दस दिन न कुछ पढ़ सकते है न कुछ लिख सकते है ,शार्ट में बोलू तो आपका जीवन एक भिक्षुक के जीवन की तरह होता है ,वह भिक्षुक जिसका  १० दिन  के लिए बाहरी दुनिया से  कोई नाता नहीं होगा ,भिक्षुक खायेगा वो, जो उससे खाने दिया जायेगा, रहेगा वैसे ही जैसे उससे रहने के लिए कहा जायेगा ।यह एक तरह का १०  दिन के लिए आत्म समर्पण है और वो भी अपने लिए। अपने खुद के भले के लिए।   

वह भिक्षुक को  सिर्फ एक चीज़ की आज़ादी रहती है और वो आज़ादी है अपने आप से बात करने की। इन दस दिनों के शिबिर में वो सिर्फ अपने आप से बात करता है। जोर से नहीं मन में ,क्योकि मौन होने के बाद केवल हमारे पास एक ही व्यक्ति बचता है बात करने के लिए और वो हम खुद।  

वह भिक्षुक पहली बार इंटेन्शनली अपने आपसे मिलता है।  आपके समझ में आ ही गया होगा मैंने क्यों ऊपर मोटिवेशन का जिक्र किया और क्यों इस आर्टिकल का नाम मीटिंग विथ मी (Meeting with Me) है।  हा मै पहली बार अपने आप से इस तरह मिला की मै खुद भी अचम्भे में रह गया। 

आईये दोस्तों यात्रा करते है विपस्सना मेडिटेशन की। ......... 

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रेडी मूवी का सलमान खान का एक डायलाग काफी फेमस हो चला था। Never Underestimate I ,Me & Myself. 

लेकिन  हमे कोई नहीं बताता ,"How to Understand I, Me or Myself "

यह जवाब आपको विपस्सना मेडिटेशन देता है। बशरते, आप इसे पूरी ईमानदारी से और पूरी समझ के साथ करे।  

विपस्सना मेडिटेशन क्या है :

It is the simple & practical way to achieve real peace of mind and to lead a happy,useful life.

Vipassana means "to see things as they really are ". It is logical process of mental purification through self observation.

From time to time ,we all experience agitation,frustration and disharmony. When we suffer ,we don't keep our misery limited to our-self ; instead we keep disturbing it to the others.Certainly this is not proper way to live.We all long to live at peace within our-self and with those around us.After all,human beings are social beings we have to live and interact with other.How then we live peacefully...?? How can we remain harmonious ourselves and maintain peace and harmony around us. 

Vipassana enables us to experience peace and harmony : it purifies the mind,freeing it from suffering and deep seated causes of sufferings .The practice leads step by step to the highest spiritual goal of full liberation from all mental defilement. 

(Source : Leaf-late of Vipassana Meditation )



विपस्सना का इतिहास :


अगर विपस्सना की हिस्ट्री की बात करू तो यह  २५०० वर्ष पुरानी मैडिटेशन तकनीक है जिसको गौतम बुद्ध ने फिर खोज कर निकाला था और खूब लोगो को फायदा पहुचाया था।  

विपस्सना भारत में Late Shri. S.N.Goenka जी द्वारा सन १९६९ को लायी गयी ।  उन्होंने इससे न केवल भारत में बल्कि ८० अन्य देशो तक पहुचाया। श्री गोयनकाजी बर्मा वासी थे जहा पर उन्होंने ने यह विद्या उनके गुरु सायबी  उ. बा. खिन से ली। 







विपस्सना:मेरी सोच 
  • यह विद्या कोई जादू की छड़ी नहीं है,रास्ता श्री गोयनका जी बताते है लेकिन चलना आप ही को है, मेहनत आपको ही करनी है। 
  • यह एक प्रक्टिकल एप्रोच वाली विद्या है. " यहाँ पर आप बहुत सी चीज़े जानेंगे ".आज तक हम दुसरो के कहने पर चीज़े मानते आये है। यह विद्या आपको स्व -अनुभव से बहुत सी बातें जानने में मदत करेगी।  
  • एकमात्र विद्या जहा बिना बोले हम सब कुछ जानने लगते है। 
  • यह  एक Real Time प्रक्टिकल  Experiential Exploration Technique है 
  • यह विद्या किसी भी संप्रदाय में नहीं आती,इस लिए आप सिख,मुस्लिम,हिन्दू, बौद्ध ,ईसाई या कोई भी संप्रदाय के हो ,इस विद्या को सिखने के लिए आपको को कोई नहीं रोक सकता। 
  • यह विद्या किसी भी संप्रदाय को बुरा नहीं कहती बल्कि आपको आपके ही संप्रदाय के बारे में अवगत कराती है। 
  • यह पद्धति प्रॉफिट ओरिएंटेशन से नहीं सीखाई  जाती है ,इसीलिए यह निशुल्क है ,
  • फ्री है ऐसा सोचकर, ऐसा न सोचे की एक बार हो कर आते है, फ्री ही तो है , यहाँ पर फीस बहुत बड़ी देनी रहती है और वह फीस है 'नियमो का पालन' , नियमो का पालन ही उनकी सबसे बड़ी फीस है। 
  •  आप इससे Meditation कहे , Self Purification कहे , या Mind Purification  प्रोसेस कहे ,इसमें आप को आपकी सोच से ज्यादा मिलेगा।
  • ऐसा भी न समझे की अगर आपने  ये विद्या ले ली तो आप को जीना आ गया ,नहीं यह सोचना गलत होगा ,मै कहुगा जीने का रास्ता आपको मिला है  और वो भी आपके इस विद्या के अनुभव के बल पर,  हा यह जरूर कहूँगा आपने ..... अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक नन्हा कदम ले लिया है।  

अंतः मै यही कहुगा , अगर आप वाकई में खुद के स्वभाव को  स्व-अनुभव के आधार पर बेहतर बनाना चाहते है तो यह विद्या का रास्ता वही जाता है।  करोडो लोगो ने अपने जीवन में इस विद्या से बहुत कुछ बदला है और अपना जीवन सुकून  से जी रहे है। आप कुछ ऐसा ही चाहते है तो यह विद्या सीखे। 

यहाँ पर.....  यह सब पढ़ने के बाद आपको इस विद्या को सिखने का जी कर रहा होगा। 

यहाँ पर आप अपने आप से प्रश्न पूछ सकते है ,आप यह क्यों करना चाहते है …? अगर आपको कुछ कांक्रीट जवाब आते है ,तो बधाई। 


 अन्यथा ,आप के शिबिर के १० दिन ,आपके लिए  और  आपके आस पास वालो के लिए बढे कठिन हो जायेगे। 

कारन ढूंढे - समता पूर्वक सोचे - और निर्णय ले।  


मेरा यह आर्टिकल लिखने की कारन ही यह है की मै अपने नेटवर्क  में जितने लोग  है उनको बताऊ की भाई कुछ ऐसा भी इस दुनिया में है जो आपका जीवन बदल सकता है। मै  इसलिए कह रहा हु क्योकि मुझे इस विद्या से बहुत कुछ मिला है। 

 मेरे  इस १० दिवसीय शिबिर करने के कारण थे, मेरी जानने की जिज्ञासा और सिखने की बहुत ज्यादा भूख।  यह दोनों कारणों के साथ और तीसरा कारन था ,मैने यह हमेशा चाहा है ,जब भी मै अपना कुछ नया बिज़नेस करुगा तो पहले मै विपस्सना सिखुगा। बस यही कारणों से मैंने इसे सिखने का निर्णय लिया। अभी मै ट्रेनिंग आर्गेनाइजेशन ओपन करने के प्रोसेस में हु। 

मै अपने आपको दो कारणों से बहुत ज्यादा  भाग्यशाली मानता हु, प्रथम , मेरे परिवार में मेरे पिता और मेरे बड़े भाई दोनों ने मुझसे पहले यह विद्या सीखी और दोनों मेरे विपस्सना के मेंटर है। 

दूसरा ,मेरी वाइफ का और उनके माता -पिता का सपोर्ट ना होता तो शायद मै यह विद्या लेने में असमर्थ था। 

मै ,मेरे अपने पुरे परिवार के लिए और उन सभी लोगो के लिए सदैव कृत्यग्न रहुगा जिनके कारन मै यह १० दिवसीय शिबिर कर पाया।  

अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हो जो अपने जीवन में अपने स्वभाव से या और किसी कारन से  बहुत ज्यादा परेशान है  या  ना भी किसी ऐसे को जानते हो ,तो भी आप यह आर्टिकल शेयर कर सकते है। .... पता नहीं कब.… किसे ....... इस रास्ते का काम पड़ जाए : रास्ता विपस्सना का। 



वैसे यह  रास्ता हम सभी के लिए है क्योकि हम सभी अपने मन में खूब व्याकुल  है और कारन ढूंढ़ते है बाहर की दुनिया में। जरुरत है अपने आप को देखने की। 

जैसे मै अपने आप से … अपने मन से, पहली बार वास्तविक रूप से मिला। मेरी लालसा है आप भी अपने मन से मिले। 

जैसा मेरा कल्याण हुआ है वैसा आप सभी का मंगल हो।

खूब होश के साथ आगे बढे. … बढ़ते ही चले। 

धन्यवाद !

मनीष.


  
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Executive Life Coach, Passionate Learner’s Trainer, Inspirational Speaker, Students Training Programs, Employed Training Programs, Other/Mixed Training, Nagpur