आज कल टीवी पर होंडा की एक Advertisement बहुत फेमस हो चली है..मैसेज दे रही है..... "देखो देखे ये जमाना ....पंछी उड़ा जाये रे..."
जब भी ये ऐड मेरा भतीजा देखता है…थोड़ा surprisingly आँखो से देखता है। एक दिन पूछने लगा .. काका हम बाइक से कैसे उड सकते है ? ये प्रश्न से मै थोड़ा झुँझलाया। सोच में पड़ गया।
लेकिन अच्छा ही हुआ क्योकि मै पहली बार किसी advertisement के बारे में इतना सोच रहा था...
दोस्तों उड़ना क्या है ?
क्या उड़ना हौंडा चलाना है..? या
आप जब प्लेन में सफर कर रहे है तब हम कह सकते है की की हम लोग उड़ रहे है …? या
आप जब Paragliding करते है (जैसे की वो ऐड में बताया है) उसे उड़ना कहेंगे ...?
मेरा मन कहता है उड़ना मतलब जब हम एक कदम अपनी जिंदगी के रास्ते पर ज्यादा लेते है या बढ़ाते हैं .....और जो भी कदम उठा रहे है वो किसी के बहकावे में आकर नहीं ले रहे है...वो तो हम अपनी मर्ज़ी से आगे बढ़ रहे है…क्योकि जब हम अपनी मर्ज़ी से आगे बढ़ते है तो उस कदम के लिए हम खुद Responsible होते है। कोशिश कीजिए की हम ज्यादा से ज्यादा Reasons निकाल पाए ताकि हम एक्शन लेने के लिए पीछे न हटे।
आपके Reasons ही आप के लिए Motive है। और ये Strong Motive हमे Action लेने में हेल्प करते है....शायद Motivation (Motive + Action) का जन्म भी ऐसे ही हुआ है ।
दोस्तों, हमे अपने बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने का समय आ गया है क्योकि जब हम अपने बारे में जानेंगे तो हम पता कर पायेगे की हमारी ताकत क्या है और कमजोरी क्या है। "True Leaders are those who know themselves better".. कमजोरी को जानने बाद ....वो कमजोरियों से बिना भागे, उन्हें हमें इम्प्रूवमेंट एरियाज में बदलना है.।
अगला महत्व का मुद्दा ... अपनी मंज़िल (GOAL) तय करे।
अपने मंज़िल को पूरी तरह समझकर उसे छोटे-छोटे रास्तो या छोटी-छोटी मंज़िलों में divide करे.. ये छोटे रास्ते देखने में और चलने में सरल लगेंगे। और आप को पता भी नहीं चलेगा आपने कब एक बड़ा कदम ले लिया… क्योकि ऐसा कहा जाता है "Small Daily Improvement...Creates Massive Results"..
Example के लिए मान लीजिए आपको अपनी Reading Habit बढ़ानी है और आप हरबार इसलिए नहीं पढ़ पाते है क्योकि मोटी बुक्स देख कर आपको घबराहट होती है और जैसे ही आप बुक पढ़ना शुरू करते है.. आपको नींद आती है। … इसमें मै मानता हुँ book की कोई mistake नहीं है. गलती है की हमने शुरुवात मोटी बुक से की, क्यों न हम "चाचा चौधरी और साबू " कॉमिक्स का इंग्लिश वर्शन पढ़े। । ताकि हमारी habit भी लगे..और मज़ा भी आये।फिर कुछ दिनों बाद चेतन भगत के नॉवेल और अंत में Dale Carnegie की Books या आपकी Favorite Book.
The Message is Simple...."START SMALL....but FINISH BIG"
छोटे -छोटे रस्ते हमें चलने के लिए सरल लगेंगे और छोटी-छोटी मंज़िले पर पहुंचकर हम अपने soul को satisfy भी कर सकते है। फिर तैयार हो जाये आगे का रास्ता तय करने के लिए। जब हम आगे का रास्ता चलने के लिए बनायेगे …तब मै मानता हु की हम उड़ रहे है …जमाने के लिए हमारे कदम धरती पर है…but अपनी दुनिया में और अपने विचारो के रास्तो पर हम उड़ान भर रहे होते है। मै इससे ही उड़ना कहता हूँ।
मै यहाँ पर दो बाते क्लियर करना चाहता हुँ ..
- पहला मंजिल से ज्यादा सफर का मज़ा ले।
- दूसरा मंज़िल पर पहुंचकर एन्जॉयमेंट करना कंपल्सरी है।
अगर आप दोनों शर्ते मानने के लिए तैयार है तो आपका इस "सुन्दर ,सरल और खूबसूरत जीवन" में स्वागत है..
फिर हम सभी लोग एक दूसरे को देखकर कहेंगे "देखो देखें ये जमाना......हमारा पंछी उड़ा जाए रे "
आज इतना ही...
जल्द मिलेंगे तब तक हँसते रहिए और बढ़ते रहिए .....